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विक्रमशिला विश्वविद्यालय का इतिहास | स्थापना, शिक्षा प्रणाली और पतन

Shilu Sinha
Shilu Sinha  @shilusinha
Created At - 2025-02-10
Last Updated - 2025-02-10

Table of Contents

  • परिचय (Introduction)
  • विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना (Establishment of Vikramshila University)
  • शिक्षा प्रणाली (Education System in Vikramshila University)
    • 1. पाठ्यक्रम (Curriculum)
    • 2. प्रवेश और परीक्षा प्रणाली
    • 3. पुस्तकालय (Library)
  • प्रसिद्ध विद्वान (Famous Scholars of Vikramshila University)
  • विक्रमशिला विश्वविद्यालय का प्रशासन और संरचना (Administration & Architecture of Vikramshila University)
  • विक्रमशिला विश्वविद्यालय का पतन (Decline of Vikramshila University)
    • 1. बख्तियार खिलजी का आक्रमण (Destruction by Bakhtiyar Khilji, 1203 CE)
    •  2. बौद्ध धर्म का पतन
    • 3. शिक्षा केंद्र के रूप में पतन
  • आधुनिक पुनर्निर्माण (Modern Reconstruction of Vikramshila University)
  • निष्कर्ष (Conclusion)

परिचय (Introduction)

विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षा केंद्र था।
 इसकी स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल (8वीं-9वीं शताब्दी ईस्वी) ने की थी।
 यह बिहार के भागलपुर जिले में स्थित था।
 बौद्ध धर्म, तंत्र साधना और उच्च शिक्षा के लिए यह विश्व प्रसिद्ध था।
 यहाँ भारत, तिब्बत, चीन, श्रीलंका, म्यांमार और नेपाल से छात्र आते थे।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना (Establishment of Vikramshila University)

📌 स्थापक: राजा धर्मपाल (पाल वंश)
📌 समय: 8वीं-9वीं शताब्दी ईस्वी
📌 स्थान: भागलपुर, बिहार
📌 उद्देश्य: नालंदा विश्वविद्यालय के समान एक दूसरा प्रमुख बौद्ध शिक्षा केंद्र स्थापित करना।

 पाल वंश ने बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय को बढ़ावा देने के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की।
 यह बौद्ध धर्म और तंत्र साधना के लिए जाना जाता था।
 यह नालंदा के बाद सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र बन गया।

शिक्षा प्रणाली (Education System in Vikramshila University)

1. पाठ्यक्रम (Curriculum)

 यहाँ बौद्ध धर्म, तंत्र साधना, व्याकरण, खगोलशास्त्र, योग, दर्शन, चिकित्सा और कला की शिक्षा दी जाती थी।
 प्रमुख विषय:

  • बौद्ध धर्म के महायान और तंत्र शाखा
  • संस्कृत और पालि भाषा
  • खगोलशास्त्र और ज्योतिष
  • दर्शन और तर्कशास्त्र
  • योग और चिकित्सा

2. प्रवेश और परीक्षा प्रणाली

 केवल मेधावी छात्र ही यहाँ प्रवेश ले सकते थे।
 छात्रों को कठिन परीक्षा पास करनी होती थी।
 विद्वान शिक्षक मौखिक और लिखित परीक्षा लेकर छात्रों को चयनित करते थे।

3. पुस्तकालय (Library)

 यहाँ एक विशाल पुस्तकालय था, जिसमें हजारों दुर्लभ ग्रंथ थे।
 कई पुस्तकें तिब्बत, चीन और श्रीलंका के भिक्षुओं द्वारा अनुवादित की गईं।

प्रसिद्ध विद्वान (Famous Scholars of Vikramshila University)

📍 अतीश दीपंकर (Atisha Dipankara Srijnana)

  • तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रचारक।
  • उन्होंने बोधिपथप्रदीप नामक ग्रंथ लिखा।

📍 ज्ञान श्री (Gyan Shri)

  • संस्कृत व्याकरण और तंत्र साधना के विशेषज्ञ।

📍 रत्नाकर शांति (Ratnakar Shanti)

  • महायान बौद्ध धर्म और ध्यान साधना के विद्वान।

📍 विमलमित्र (Vimalamitra)

  • तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रचारक।

 इन विद्वानों ने बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय का प्रशासन और संरचना (Administration & Architecture of Vikramshila University)

1. प्रशासन (Governance)
 विश्वविद्यालय का संचालन एक आचार्य परिषद द्वारा किया जाता था।
 राजा संपूर्ण विश्वविद्यालय का संरक्षण करते थे।

2. वास्तुकला (Architecture)
 विश्वविद्यालय गंगा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित था।
 इसमें 108 बौद्ध मंदिर और अध्ययन कक्ष थे।
 यहाँ एक मुख्य महाविहार (प्रमुख भवन) था, जहाँ छात्र रहते और अध्ययन करते थे।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय का पतन (Decline of Vikramshila University)

1. बख्तियार खिलजी का आक्रमण (Destruction by Bakhtiyar Khilji, 1203 CE)

 1203 ईस्वी में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया।
 उन्होंने पुस्तकालय में आग लगा दी और हजारों ग्रंथ नष्ट हो गए।
 कई बौद्ध भिक्षुओं को मृत्यु के घाट उतार दिया गया।

 2. बौद्ध धर्म का पतन

 इस आक्रमण के बाद भारत में बौद्ध धर्म कमजोर हो गया।
 तिब्बत, चीन और श्रीलंका में बौद्ध धर्म फलता-फूलता रहा।

3. शिक्षा केंद्र के रूप में पतन

 इस आक्रमण के बाद भारत में बौद्ध शिक्षा केंद्रों की समाप्ति हो गई।
 नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय नष्ट हो गए।

आधुनिक पुनर्निर्माण (Modern Reconstruction of Vikramshila University)

 बिहार सरकार विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार के लिए कार्य कर रही है।
 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फिर से विकसित करने की योजना की घोषणा की।
 विक्रमशिला महोत्सव का आयोजन होता है, जिससे इसकी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित किया जा सके।

निष्कर्ष (Conclusion)

 विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा केंद्रों में से एक था।
 यह तंत्र साधना और बौद्ध धर्म का प्रमुख अध्ययन केंद्र था।
 यहाँ से कई महान विद्वानों ने बौद्ध धर्म का प्रचार पूरी दुनिया में किया।
 तुर्क आक्रमण के कारण इसका विनाश हो गया, लेकिन इसकी महानता आज भी इतिहास में अमर है।

👉 "विक्रमशिला – भारत की प्राचीन शिक्षा और ज्ञान का गौरव!" 🏛️📚

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