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सम्राट अशोक और उनके धर्म प्रचार | अशोक का इतिहास, नीति और बौद्ध धर्म का प्रसार

Shilu Sinha
Shilu Sinha  @shilusinha
Created At - 2025-02-04
Last Updated - 2025-02-04

Table of Contents

  • 1️⃣ परिचय (Introduction)
  • 2️⃣ सम्राट अशोक का जीवन और प्रशासन (Life and Administration of Ashoka)
  • 3️⃣ अशोक और उनका धर्म प्रचार (Ashoka and His Missionary Work)
  • 4️⃣ अशोक की सामाजिक और धार्मिक नीतियाँ (Social and Religious Policies of Ashoka)
  • 5️⃣ अशोक के पतन के कारण (Reasons for Decline of Ashoka’s Empire)
  • 6️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)

1️⃣ परिचय (Introduction)

सम्राट अशोक भारत के सबसे महान शासकों में से एक थे। वे मौर्य वंश के तीसरे राजा थे और उनके शासन में मौर्य साम्राज्य अपनी चरम सीमा पर पहुँचा। अशोक का शासन 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक चला।

✅ कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद अशोक ने हिंसा त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया और अहिंसा, दया और धर्म का प्रचार किया।
✅ वे इतिहास में "अशोक महान" के नाम से प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने धर्म, शांति और न्याय को प्राथमिकता दी।
✅ उन्होंने बौद्ध धर्म को भारत और अन्य देशों में फैलाने के लिए कई कदम उठाए।

2️⃣ सम्राट अशोक का जीवन और प्रशासन (Life and Administration of Ashoka)

📌 1. प्रारंभिक जीवन और सिंहासन पर बैठना
👉 अशोक, बिंदुसार के पुत्र थे और उनकी माता का नाम सुभद्रांगी था।
👉 वे अपने भाई सुसिम को हराकर मौर्य साम्राज्य के सम्राट बने।
👉 पाटलिपुत्र (पटना) उनकी राजधानी थी और उन्होंने पूरे भारत को संगठित किया।

📌 2. कलिंग युद्ध (Kalinga War) – जीवन का सबसे बड़ा मोड़
👉 261 ईसा पूर्व में अशोक ने उड़ीसा के कलिंग राज्य पर आक्रमण किया।
👉 इस युद्ध में हजारों सैनिक मारे गए और लाखों लोग घायल हुए।
👉 युद्ध की विभीषिका देखकर अशोक को बहुत दुःख हुआ और उन्होंने हिंसा त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया।

📌 3. अशोक की धम्म नीति (Ashoka's Dhamma Policy)
👉 अशोक ने अहिंसा, दया और धर्म का प्रचार किया, जिसे "धम्म नीति" कहा जाता है।
👉 उन्होंने जनता के कल्याण के लिए कई सुधार किए:
✅ हत्या और हिंसा पर रोक लगाई।
✅ प्रजा की भलाई के लिए अस्पताल, कुएँ और सड़कों का निर्माण कराया।
✅ पशुओं के प्रति दयालुता और सहअस्तित्व की शिक्षा दी।
✅ धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।

3️⃣ अशोक और उनका धर्म प्रचार (Ashoka and His Missionary Work)

📌 1. अशोक ने बौद्ध धर्म क्यों अपनाया?
✅ कलिंग युद्ध की क्रूरता देखने के बाद अशोक को अहिंसा का महत्व समझ आया।
✅ उन्होंने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को अपनाया और अपने पूरे साम्राज्य में उसका प्रचार किया।
✅ उन्होंने स्वयं बौद्ध धर्म का पालन किया और जनता को भी प्रेरित किया।

📌 2. बौद्ध धर्म का प्रचार (Spread of Buddhism)
👉 अशोक ने बौद्ध धर्म को फैलाने के लिए कई उपाय किए:
✅ बौद्ध भिक्षुओं को भारत और विदेशों में भेजा।
✅ श्रीलंका, म्यांमार, अफगानिस्तान, नेपाल और ग्रीस तक बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
✅ बौद्ध धर्म ग्रंथों की रचना करवाई।

📌 3. अशोक द्वारा भेजे गए धर्म प्रचारक (Buddhist Missionaries Sent by Ashoka)
👉 अशोक ने अपने पुत्र और पुत्री को भी बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा:
✅ महेन्द्र और संघमित्रा को श्रीलंका भेजा, जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
✅ भिक्षुओं को म्यांमार, तिब्बत, अफगानिस्तान, नेपाल और दक्षिण भारत भेजा।

📌 4. अशोक के शिलालेख और स्तंभ (Ashoka’s Inscriptions and Pillars)
👉 अशोक ने अपने आदेशों और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को शिलालेखों और स्तंभों पर खुदवाया।
✅ प्रमुख शिलालेख ब्रह्मी लिपि में लिखे गए और पूरे भारत में स्थापित किए गए।
✅ सांची स्तूप, सारनाथ स्तंभ, धौली स्तंभ उनकी कला और धर्म प्रचार के प्रमुख उदाहरण हैं।
✅ अशोक का सिंह चिह्न आज भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है।

📌 5. बौद्ध धर्म की तीसरी संगीति (Third Buddhist Council - 250 BCE)
👉 अशोक के समय पाटलिपुत्र में तीसरी बौद्ध संगीति आयोजित की गई।
👉 इसमें बौद्ध धर्म को संगठित किया गया और उसके प्रचार के नए नियम बनाए गए।

4️⃣ अशोक की सामाजिक और धार्मिक नीतियाँ (Social and Religious Policies of Ashoka)

✅ सामाजिक सुधार:

  • अशोक ने जात-पात और ऊँच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने की कोशिश की।
  • महिलाओं और गरीबों की दशा सुधारने के लिए कई योजनाएँ बनाई गईं।

✅ धार्मिक सहिष्णुता:

  • उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और किसी भी धर्म को जबरदस्ती स्वीकार कराने के खिलाफ थे।
  • उन्होंने हिन्दू, जैन और अजीविक संप्रदायों को भी संरक्षण दिया।

✅ लोक कल्याण:

  • सड़कों, कुओं, धर्मशालाओं और चिकित्सालयों का निर्माण कराया।
  • पूरे साम्राज्य में बुद्ध के धर्म उपदेश लिखवाए।

5️⃣ अशोक के पतन के कारण (Reasons for Decline of Ashoka’s Empire)

✅ अशोक की मृत्यु के बाद कमजोर शासक सत्ता में आए।
✅ बौद्ध धर्म के प्रति अधिक झुकाव के कारण सैन्य शक्ति कमजोर हो गई।
✅ प्रशासनिक नियंत्रण धीरे-धीरे ढीला पड़ गया।
✅ अंततः 185 ईसा पूर्व में पुष्यमित्र शुंग ने अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ मौर्य की हत्या कर मौर्य वंश का अंत कर दिया।

6️⃣ निष्कर्ष (Conclusion)

📌 सम्राट अशोक भारत के सबसे महान शासकों में से एक थे।
📌 उन्होंने कलिंग युद्ध के बाद अहिंसा और बौद्ध धर्म अपनाया और पूरे भारत तथा विदेशों में इसका प्रचार किया।
📌 अशोक की धम्म नीति और धर्म प्रचार ने भारतीय समाज को गहराई से प्रभावित किया।
📌 उनका शासन काल शांति, धर्म और कल्याणकारी नीतियों के लिए प्रसिद्ध है।

👉 आज भी अशोक के स्तंभ और शिलालेख भारत की महान संस्कृति और इतिहास के प्रतीक हैं।

"सम्राट अशोक – शांति और धर्म का प्रतीक!" 🚩

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