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वैज्ञानिक विधि क्या है? इसकी विशेषताएँ और महत्व

Shilu Sinha
Shilu Sinha  @shilusinha
Created At - 2025-02-02
Last Updated - 2025-03-09

Table of Contents

  • वैज्ञानिक विधि:
  • वैज्ञानिक विधि की परिभाषाएँ (Definitions of Scientific Method):
    • 1. केर्ल पीयरसन (Karl Pearson):
    • 2. जॉन डेवी (John Dewey):
    • 3. ब्रिजमेन (Bridgman):
  • वैज्ञानिक विधि की प्रक्रिया (Process of Scientific Method):
    • 1. समस्या की पहचान (Problem Identification)
    • 2. अवलोकन और शोध (Observation and Research)
    • 3. परिकल्पना का निर्माण (Formation of Hypothesis)
    • 4. प्रयोग और परीक्षण (Experimentation and Testing)
    • 5. डेटा संग्रह और विश्लेषण (Data Collection and Analysis)
    • 6. निष्कर्ष (Conclusion)
    • 7. निष्कर्षों का संप्रेषण (Communication of Results)
  • वैज्ञानिक विधि की विशेषताएँ (Characteristics of Scientific Method):
    • 1. वस्तुनिष्ठता (Objectivity)
    • 2. परीक्षणीयता (Testability)
    • 3. पुनरावृत्ति (Replicability)
    • 4. अनुभवजन्य साक्ष्य (Empirical Evidence)
    • 5. पूर्वानुमान (Predictability)
    • 6. सार्वभौमिकता (Universality)
    • 7. संगठित विधि (Systematic Approach)
    • 8. गतिशीलता (Dynamic Nature)
  • वैज्ञानिक विधि का महत्व (Importance of Scientific Method)
    • 1. ज्ञान प्राप्ति का सबसे विश्वसनीय साधन (Reliable Source of Knowledge)
    • 2. प्राकृतिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान (Solving Natural and Social Problems)
    • 3. तकनीकी प्रगति में सहायक (Facilitating Technological Advancements)
    • 4. पूर्वानुमान क्षमता (Predictability) और भविष्य की तैयारी
  • निष्कर्ष (Conclusion):

वैज्ञानिक विधि:

वैज्ञानिक विधि (Scientific Method) एक संगठित प्रक्रिया है जिसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग और निष्कर्ष निकालने के लिए किया जाता है। यह विधि अनुभवजन्य साक्ष्य (empirical evidence), अवलोकन (observation), प्रयोग (experiment) और निष्कर्ष (conclusion) पर आधारित होती है। वैज्ञानिक विधि का उद्देश्य किसी समस्या या घटना की गहराई से जांच करके सही निष्कर्ष तक पहुँचना होता है।

यह विधि केवल विज्ञान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, चिकित्सा और अन्य अनुशासनों में भी किया जाता है। यह प्रक्रिया हमें वस्तुनिष्ठ (objective) और विश्वसनीय परिणाम प्राप्त करने में सहायता करती है।

वैज्ञानिक विधि की परिभाषाएँ (Definitions of Scientific Method):

1. केर्ल पीयरसन (Karl Pearson):

"वैज्ञानिक विधि वह विधि है जिसके माध्यम से हम किसी भी प्राकृतिक घटना को अवलोकन और प्रयोगों के आधार पर व्यवस्थित करते हैं और निष्कर्ष निकालते हैं।"

2. जॉन डेवी (John Dewey):

"वैज्ञानिक विधि एक जाँच प्रक्रिया है, जिसमें अवलोकन, परिकल्पना निर्माण, परीक्षण और निष्कर्ष निकालने की प्रणाली होती है।"

3. ब्रिजमेन (Bridgman):

"वैज्ञानिक विधि एक निष्पक्ष, अनुभवजन्य और परीक्षण योग्य प्रक्रिया है, जो किसी समस्या के समाधान हेतु व्यवस्थित प्रयोग और तर्क का उपयोग करती है।"

वैज्ञानिक विधि की प्रक्रिया (Process of Scientific Method):

वैज्ञानिक विधि कई चरणों में संपन्न होती है:

1. समस्या की पहचान (Problem Identification)

वैज्ञानिक अनुसंधान की शुरुआत किसी विशेष समस्या या प्रश्न की पहचान से होती है। यह समस्या प्रकृति, समाज, चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, या किसी अन्य क्षेत्र से संबंधित हो सकती है। उदाहरण के लिए:

  • क्यों कुछ पौधे तेज़ी से बढ़ते हैं जबकि कुछ धीमे बढ़ते हैं?
  • क्या मोबाइल रेडिएशन का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है?
  • किसी दवा का प्रभाव कितनी जल्दी शरीर में होता है?

सटीक समस्या की पहचान करने से अनुसंधान को सही दिशा मिलती है और वैज्ञानिक प्रयासों का फोकस तय होता है।

2. अवलोकन और शोध (Observation and Research)

समस्या की पहचान के बाद वैज्ञानिक उपलब्ध जानकारी का गहन अध्ययन करते हैं। इसके लिए:

  • पिछले शोध पत्रों की समीक्षा की जाती है।
  • संबंधित सिद्धांतों और मॉडलों का विश्लेषण किया जाता है।
  • प्रयोगों से प्राप्त पूर्व डेटा का अध्ययन किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई वैज्ञानिक मोबाइल रेडिएशन के प्रभाव पर शोध कर रहा है, तो वह पहले से प्रकाशित अध्ययनों, शोध पत्रों और आंकड़ों को देखेगा। यह प्रक्रिया वैज्ञानिक को एक ठोस आधार देती है और उसे अनावश्यक प्रयासों से बचाती है।

3. परिकल्पना का निर्माण (Formation of Hypothesis)

परिकल्पना एक संभावित उत्तर या अनुमानित समाधान होता है, जिसे प्रयोग द्वारा परखा जा सकता है।

  • इसे इस तरह से तैयार किया जाता है कि यह परीक्षण योग्य हो।
  • परिकल्पना को स्पष्ट और मापन योग्य (measurable) बनाना आवश्यक होता है।

उदाहरण के लिए:

  • परिकल्पना: "मोबाइल फोन का रेडिएशन लंबे समय तक संपर्क में रहने पर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।"
  • इस परिकल्पना को प्रयोग के माध्यम से सत्यापित या अस्वीकृत किया जा सकता है।

4. प्रयोग और परीक्षण (Experimentation and Testing)

वैज्ञानिक परिकल्पना की सत्यता जांचने के लिए नियंत्रित (Controlled) प्रयोग करते हैं। प्रयोग करने के लिए कुछ मुख्य बिंदु होते हैं:

  • स्वतंत्र चर (Independent Variable): वह कारक जिसे वैज्ञानिक बदलते हैं।
  • आश्रित चर (Dependent Variable): वह कारक जो प्रयोग के दौरान बदलता है।
  • नियंत्रित चर (Controlled Variable): वे सभी कारक जिन्हें स्थिर रखा जाता है ताकि निष्कर्ष विश्वसनीय हों।

उदाहरण के लिए, यदि हम मोबाइल रेडिएशन के प्रभाव पर शोध कर रहे हैं, तो एक समूह को मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में रखा जाएगा और दूसरे को नहीं। फिर उनके स्वास्थ्य डेटा की तुलना की जाएगी।

5. डेटा संग्रह और विश्लेषण (Data Collection and Analysis)

प्रयोग से प्राप्त आँकड़ों का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है। इसके लिए सांख्यिकी और गणितीय तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

  • डेटा को सारणीबद्ध और ग्राफ़िक रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
  • पैटर्न और ट्रेंड की पहचान की जाती है।
  • सांख्यिकीय उपकरणों जैसे कि t-test, ANOVA, regression analysis का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

  • यदि शोध यह दिखाता है कि मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में आने वाले लोगों को अधिक स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं, तो यह परिकल्पना को समर्थन देगा।
  • यदि डेटा में कोई संबंध नहीं दिखता, तो परिकल्पना को अस्वीकार कर दिया जाएगा।

6. निष्कर्ष (Conclusion)

डेटा के विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिक कुछ निष्कर्ष निकालते हैं:

  • यदि परिकल्पना सत्य सिद्ध होती है, तो इसे एक सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाता है।
  • यदि परिकल्पना गलत साबित होती है, तो नई परिकल्पना बनाई जाती है और पुनः परीक्षण किया जाता है।

उदाहरण:

  • सकारात्मक निष्कर्ष: "हमारे शोध के अनुसार, मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।"
  • नकारात्मक निष्कर्ष: "हमारे शोध में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला कि मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।"

7. निष्कर्षों का संप्रेषण (Communication of Results)

अंत में, वैज्ञानिक अपने निष्कर्षों को अन्य वैज्ञानिकों और समाज के साथ साझा करते हैं।

  • शोध पत्रों में प्रकाशित किया जाता है।
  • वैज्ञानिक सम्मेलनों और सेमिनारों में प्रस्तुत किया जाता है।
  • यदि निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं, तो वे सरकारी नीतियों में बदलाव ला सकते हैं।

उदाहरण:

  • यदि कोई नई दवा प्रभावी साबित होती है, तो इसे बाजार में लाने के लिए चिकित्सा संगठनों को सूचित किया जाता है।
  • यदि किसी तकनीक के नकारात्मक प्रभाव सामने आते हैं, तो इसे प्रतिबंधित करने के लिए सरकार को रिपोर्ट दी जाती है।

वैज्ञानिक विधि की विशेषताएँ (Characteristics of Scientific Method):

1. वस्तुनिष्ठता (Objectivity)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि पूरी तरह से निष्पक्ष और पूर्वाग्रह-मुक्त होती है। इसका मुख्य उद्देश्य वास्तविक तथ्यों को उजागर करना होता है, न कि किसी व्यक्तिगत राय या मान्यताओं को साबित करना।

मुख्य तत्व:

  • वैज्ञानिकों को व्यक्तिगत विचारों और भावनाओं से परे रहना पड़ता है।
  • सभी प्रयोग और अवलोकन निष्पक्ष रूप से किए जाते हैं।
  • प्रयोगों के परिणाम केवल तर्कसंगत और अनुभवजन्य प्रमाणों पर आधारित होते हैं।

उदाहरण:
यदि कोई वैज्ञानिक दवा की प्रभावशीलता पर शोध कर रहा है, तो उसे अपने निजी विचारों को अलग रखते हुए केवल परीक्षण और आंकड़ों पर ध्यान देना होगा।

2. परीक्षणीयता (Testability)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि में प्रत्येक परिकल्पना को परीक्षण योग्य (testable) होना चाहिए। इसका अर्थ है कि इसे प्रयोग और निरीक्षण के माध्यम से सत्यापित या अस्वीकृत किया जा सकता है।

मुख्य तत्व:

  • प्रत्येक वैज्ञानिक निष्कर्ष को प्रयोग द्वारा परखा जाता है।
  • यदि किसी परिकल्पना को परखा नहीं जा सकता, तो उसे वैज्ञानिक नहीं माना जा सकता।
  • परीक्षण के दौरान आवश्यक डेटा और निष्कर्ष इकट्ठे किए जाते हैं।

उदाहरण:
यदि कोई वैज्ञानिक कहता है कि "सूरज पृथ्वी के चारों ओर घूमता है," तो इसे खगोलशास्त्रीय आंकड़ों और गणनाओं द्वारा परीक्षण किया जा सकता है।

3. पुनरावृत्ति (Replicability)

परिभाषा: वैज्ञानिक प्रयोगों को बार-बार दोहराया जा सकता है और यदि वे समान परिस्थितियों में समान परिणाम देते हैं, तो उन्हें विश्वसनीय माना जाता है।

मुख्य तत्व:

  • प्रयोगों को विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर दोहराया जा सकता है।
  • यदि कोई परिणाम केवल एक ही बार आता है, तो वह वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं होता।
  • वैज्ञानिक अध्ययन को विश्वसनीय बनाने के लिए पुनरावृत्ति आवश्यक है।

उदाहरण:
यदि एक वैज्ञानिक प्रयोग के अनुसार किसी दवा का कोई विशेष प्रभाव पड़ता है, तो अन्य वैज्ञानिकों को भी वही प्रभाव दिखना चाहिए। यदि परिणाम अलग-अलग होते हैं, तो निष्कर्ष गलत माना जा सकता है।

4. अनुभवजन्य साक्ष्य (Empirical Evidence)

परिभाषा: वैज्ञानिक निष्कर्ष प्रत्यक्ष अवलोकन और प्रयोगों के ठोस प्रमाणों (empirical evidence) पर आधारित होते हैं। केवल अनुमान या धारणाओं को वैज्ञानिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाता।

मुख्य तत्व:

  • प्रत्येक वैज्ञानिक सिद्धांत के लिए वास्तविक डेटा की आवश्यकता होती है।
  • केवल व्यक्तिगत विश्वास या पारंपरिक मान्यताओं को वैज्ञानिक प्रमाण नहीं माना जाता।
  • वैज्ञानिक अवलोकन को मापने योग्य और पुन: सत्यापन योग्य बनाना आवश्यक है।

उदाहरण:

  • स्वीकृत वैज्ञानिक सिद्धांत: गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत वस्तुओं के गिरने की प्रक्रिया को संख्यात्मक रूप से समझा सकता है।
  • ग़ैर-वैज्ञानिक दावा: "सपने भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं" – इसे किसी वैज्ञानिक तरीके से प्रमाणित नहीं किया जा सकता।

5. पूर्वानुमान (Predictability)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि से प्राप्त निष्कर्ष भविष्यवाणी (Prediction) करने में सक्षम होने चाहिए। यदि कोई सिद्धांत सही है, तो उसके आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।

मुख्य तत्व:

  • वैज्ञानिक नियम और सिद्धांत भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं।
  • पूर्वानुमान परीक्षण योग्य और प्रमाणित होने चाहिए।
  • यदि पूर्वानुमान गलत साबित होते हैं, तो सिद्धांत को संशोधित किया जाता है।

उदाहरण:

  • गुरुत्वाकर्षण का नियम हमें यह अनुमान लगाने की अनुमति देता है कि यदि हम किसी वस्तु को ऊपर फेंकेंगे, तो वह नीचे गिरेगी।
  • जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक मॉडल तापमान में संभावित वृद्धि की भविष्यवाणी कर सकते हैं।

6. सार्वभौमिकता (Universality)

परिभाषा: वैज्ञानिक निष्कर्ष किसी विशेष स्थान, समय या समाज तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं।

मुख्य तत्व:

  • वैज्ञानिक नियम सभी परिस्थितियों में समान रूप से कार्य करते हैं।
  • निष्कर्ष जाति, धर्म, संस्कृति या स्थान से प्रभावित नहीं होते।
  • विभिन्न देशों और संस्कृतियों में किए गए समान प्रयोगों से समान परिणाम प्राप्त होने चाहिए।

उदाहरण:

  • न्यूटन के गति के नियम पृथ्वी पर भी लागू होते हैं और अंतरिक्ष में भी।
  • जल का क्वथनांक (Boiling Point) दबाव और ऊँचाई पर निर्भर कर सकता है, लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार सार्वभौमिक है।

7. संगठित विधि (Systematic Approach)

परिभाषा: वैज्ञानिक अनुसंधान एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत किया जाता है जिसमें अवलोकन, परिकल्पना, प्रयोग और निष्कर्ष के स्पष्ट चरण होते हैं।

मुख्य तत्व:

  • वैज्ञानिक अनुसंधान को चरणबद्ध तरीके से किया जाता है।
  • किसी भी खोज को एक निश्चित क्रम में आगे बढ़ाया जाता है।
  • यादृच्छिक (Random) तरीके से किए गए निष्कर्ष वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं होते।

उदाहरण:

  • चिकित्सा अनुसंधान में नई दवा को विकसित करने के लिए एक सटीक चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाती है।

8. गतिशीलता (Dynamic Nature)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि स्थिर नहीं होती; यह नए अनुसंधानों और खोजों के साथ विकसित होती रहती है।

मुख्य तत्व:

  • विज्ञान लगातार नई खोजों और अनुसंधानों से बदलता रहता है।
  • पुराने सिद्धांतों को नए प्रमाणों के आधार पर बदला या संशोधित किया जा सकता है।
  • विज्ञान एक स्थिर ज्ञान प्रणाली नहीं है; यह हमेशा उन्नति की ओर अग्रसर रहता है।

उदाहरण:

  • पहले माना जाता था कि परमाणु सबसे छोटी इकाई है, लेकिन क्वांटम भौतिकी ने बताया कि परमाणु के अंदर भी छोटे कण होते हैं।
  • पृथ्वी के स्थिर होने की पुरानी अवधारणा को खगोलशास्त्र के नए सिद्धांतों ने बदल दिया।

वैज्ञानिक विधि का महत्व (Importance of Scientific Method)

1. ज्ञान प्राप्ति का सबसे विश्वसनीय साधन (Reliable Source of Knowledge)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि सत्य की खोज के लिए सबसे प्रमाणिक और तार्किक तरीका है। यह केवल अनुमानों और धारणाओं पर निर्भर नहीं करती, बल्कि ठोस प्रमाण और परीक्षण पर आधारित होती है।

मुख्य तत्व:

  • वैज्ञानिक विधि किसी भी दावे की सच्चाई को परखने का सटीक तरीका प्रदान करती है।
  • यह निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए तर्कसंगत और व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाती है।
  • व्यक्तिगत धारणाओं और अंधविश्वासों से मुक्त होती है।

उदाहरण:

  • गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Gravity) केवल एक अनुमान नहीं था, बल्कि यह प्रयोगों और गणनाओं द्वारा प्रमाणित किया गया था।
  • चिकित्सा अनुसंधानों में किसी भी नई दवा को वैज्ञानिक परीक्षणों के माध्यम से प्रमाणित किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह प्रभावी और सुरक्षित है।

2. प्राकृतिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान (Solving Natural and Social Problems)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि न केवल प्राकृतिक घटनाओं को समझने में सहायक होती है, बल्कि यह सामाजिक और मानवीय समस्याओं के समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मुख्य तत्व:

  • पर्यावरणीय समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता संरक्षण में वैज्ञानिक विधि अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • सामाजिक विज्ञानों में अपराध, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान किए जाते हैं।
  • इस विधि के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में नीतियाँ बनाई जाती हैं जो समाज के विकास में सहायक होती हैं।

उदाहरण:

  • पर्यावरणीय समस्या समाधान: वैज्ञानिक अनुसंधान ने यह प्रमाणित किया कि ग्रीनहाउस गैसों की अधिकता जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण है। इसके समाधान के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने की नीतियाँ बनाई गईं।
  • सामाजिक समस्या समाधान: महामारी के दौरान वैज्ञानिक अनुसंधान और परीक्षणों के माध्यम से प्रभावी टीके (Vaccines) विकसित किए गए, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकी।

3. तकनीकी प्रगति में सहायक (Facilitating Technological Advancements)

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि के कारण चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति संभव हुई है।

मुख्य तत्व:

  • नई तकनीकों और नवाचारों (Innovations) का विकास वैज्ञानिक अनुसंधानों के आधार पर होता है।
  • चिकित्सा विज्ञान, अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उन्नत तकनीकों का विकास वैज्ञानिक विधि के बिना संभव नहीं होता।
  • वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधानों के माध्यम से नई खोजें और आविष्कार होते हैं।

उदाहरण:

  • चिकित्सा विज्ञान: एक्स-रे, MRI स्कैन, रोबोटिक सर्जरी और जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसी चिकित्सा तकनीकें वैज्ञानिक अनुसंधानों की देन हैं।
  • अंतरिक्ष विज्ञान: वैज्ञानिक विधि के प्रयोग से चंद्रमा और मंगल ग्रह तक अंतरिक्ष यान भेजे गए हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी: इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा तकनीकों का विकास वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोगों के माध्यम से हुआ है।

4. पूर्वानुमान क्षमता (Predictability) और भविष्य की तैयारी

परिभाषा: वैज्ञानिक विधि के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों से हम भविष्य की संभावनाओं और घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं।

मुख्य तत्व:

  • प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, चिकित्सा संकट और तकनीकी विकास की भविष्यवाणी करना संभव होता है।
  • भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए योजनाएँ और रणनीतियाँ तैयार की जाती हैं।
  • विज्ञान आधारित भविष्यवाणियाँ अधिक सटीक और विश्वसनीय होती हैं।

उदाहरण:

  • मौसम विज्ञान: वैज्ञानिक विधि से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तूफान, भूकंप और सुनामी की सटीक भविष्यवाणी की जाती है। इससे जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।
  • चिकित्सा अनुसंधान: महामारी विज्ञानियों ने कोविड-19 जैसी महामारियों की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी, जिससे वैक्सीन विकसित करने में तेजी आई।
  • आर्थिक और सामाजिक अध्ययन: वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर वैश्विक अर्थव्यवस्था और बाजारों में आने वाले उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी की जाती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

वैज्ञानिक विधि एक व्यवस्थित और तार्किक प्रक्रिया है जिसका उपयोग वैज्ञानिक खोजों और निष्कर्षों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह विधि अनुभवजन्य साक्ष्यों, परीक्षणों और निष्पक्षता पर आधारित होती है। वैज्ञानिक विधि की विशेषताएँ इसे अन्य विचारधाराओं से अलग करती हैं और इसे अनुसंधान के लिए एक सटीक और विश्वसनीय साधन बनाती हैं।

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