अर्थशास्त्र में उपभोग (Consumption) का अर्थ उन वस्तुओं और सेवाओं के उपयोग से है, जिनसे उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करता है। जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु या सेवा का उपयोग करता है, तो उसे उपभोग कहा जाता है।
👉 "जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी वस्तु या सेवा का उपभोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करता है, तो इसे उपभोग कहते हैं।"
उदाहरण:
जब कोई वस्तु या सेवा सीधे उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करती है, तो इसे प्रत्यक्ष उपभोग कहते हैं।
🔹 उदाहरण:
जब कोई वस्तु या सेवा उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है और बाद में उपभोक्ता द्वारा उपभोग की जाती है, तो इसे अप्रत्यक्ष उपभोग कहा जाता है।
🔹 उदाहरण:
जब कोई व्यक्ति या परिवार अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करता है, तो इसे निजी उपभोग कहते हैं।
🔹 उदाहरण:
जब सरकार या सार्वजनिक संस्थाएँ समाज की भलाई के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करती हैं, तो इसे सार्वजनिक उपभोग कहा जाता है।
🔹 उदाहरण:
जब कोई वस्तु लंबे समय तक उपयोग की जाती है, तो उसे स्थायी उपभोग कहा जाता है।
🔹 उदाहरण:
जब कोई वस्तु थोड़े समय में खत्म हो जाती है, तो उसे अल्पकालिक उपभोग कहते हैं।
🔹 उदाहरण:
1. आर्थिक वृद्धि (Economic Growth):
जब लोग अधिक उपभोग करते हैं, तो उत्पादकों की मांग बढ़ती है, जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।
2. उत्पादन को बढ़ावा (Boost to Production):
अधिक उपभोग होने पर कंपनियाँ अधिक उत्पादन करती हैं, जिससे नई नौकरियों का सृजन होता है।
3. जीवन स्तर में सुधार (Improved Standard of Living):
अच्छी वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करने से लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता है।
4. बाजार की स्थिरता (Market Stability):
निरंतर उपभोग से बाजार में संतुलन बना रहता है और व्यापार सुचारु रूप से चलता है।
✔️ भोजन का उपभोग: लोग भोजन खरीदकर और खाकर उपभोग करते हैं।
✔️ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपभोग: मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप आदि का उपयोग उपभोग कहलाता है।
✔️ यातायात सेवाओं का उपभोग: बस, ट्रेन, टैक्सी आदि का उपयोग परिवहन उपभोग का उदाहरण है।
✔️ स्वास्थ्य सेवाओं का उपभोग: अस्पतालों और दवाओं का उपयोग स्वास्थ्य उपभोग में आता है।
✔️ मनोरंजन सेवाओं का उपभोग: फिल्में देखना, म्यूजिक सुनना, ओटीटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करना उपभोग का हिस्सा है।
उपभोग (Consumption) किसी भी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है, क्योंकि यह उत्पादन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है। प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, निजी, सार्वजनिक, स्थायी और अल्पकालिक उपभोग के विभिन्न रूप होते हैं। उपभोग की मात्रा और पैटर्न समाज की आर्थिक स्थिति को भी दर्शाते हैं। अधिक उपभोग से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है और जीवन स्तर में सुधार होता है।
👉 इसलिए, उपभोग अर्थव्यवस्था का आधार है और यह उत्पादन एवं बाजार संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।