सप्लाई कर्व एक ग्राफ है, जो किसी उत्पाद की कीमत (Price) और उसकी आपूर्ति (Quantity Supplied) के बीच के संबंध को दर्शाता है। यह अर्थशास्त्र की एक प्रमुख अवधारणा है, जो बताती है कि जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है, तो उसकी आपूर्ति भी बढ़ती है, और जब कीमत घटती है, तो आपूर्ति कम हो जाती है।
सप्लाई कर्व की परिभाषा:
सप्लाई कर्व वह ग्राफ है, जो विभिन्न कीमतों पर किसी उत्पाद की आपूर्ति को दर्शाता है, जबकि अन्य सभी कारक स्थिर रहते हैं।
सप्लाई का नियम (Law of Supply):
सप्लाई का नियम कहता है कि "अन्य सभी कारक स्थिर रहने पर, किसी वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी आपूर्ति बढ़ती है और कीमत घटने पर आपूर्ति घटती है।"
उदाहरण:
सप्लाई कर्व स्थिर नहीं रहता। इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
मूल्य (₹) | आपूर्ति (यूनिट में) |
---|---|
20 | 10 |
40 | 20 |
60 | 30 |
80 | 40 |
100 | 50 |
यह डेटा दर्शाता है कि जैसे-जैसे कीमत बढ़ती है, आपूर्ति बढ़ती है। इसे ग्राफ में प्लॉट करने पर हमें सप्लाई कर्व मिलता है।
आइए इसे ग्राफ के माध्यम से समझते हैं।
सप्लाई कर्व का चित्र सफलतापूर्वक तैयार हो गया है। आप इसे नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं:
यह ग्राफ दर्शाता है कि जैसे-जैसे किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है, आपूर्ति भी बढ़ती है। इस ग्राफ को पढ़कर आप सप्लाई कर्व के मूलभूत सिद्धांतों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
सप्लाई कर्व अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो किसी वस्तु की कीमत और उसकी आपूर्ति के बीच संबंध को दर्शाता है। यह ग्राफ दिखाता है कि जैसे-जैसे कीमत बढ़ती है, उत्पादक अधिक मात्रा में आपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। सप्लाई कर्व को समझना व्यवसाय, सरकार और नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह उत्पादन और बाजार मूल्य निर्धारण को प्रभावित करने वाले कारकों की स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
समग्र रूप से, सप्लाई कर्व बाजार की गतिशीलता को समझने और सही आर्थिक निर्णय लेने में मदद करता है।