📌 परिभाषा:
👉 "जब कोई उपभोक्ता किसी वस्तु की लगातार इकाइयाँ उपभोग करता है, तो प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से प्राप्त संतोष (उपयोगिता) धीरे-धीरे कम होने लगता है।"
📌 सरल शब्दों में:
अगर आप बहुत भूखे हैं और एक समोसा खाते हैं, तो आपको बहुत संतोष मिलेगा। दूसरा समोसा थोड़ा कम आनंद देगा, तीसरा और भी कम। लेकिन पाँचवें या छठे समोसे के बाद आपको कोई विशेष खुशी नहीं मिलेगी, बल्कि आपको ऊब या परेशानी भी हो सकती है।
👉 सीमांत उपयोगिता (Marginal Utility) किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाई के उपभोग से प्राप्त अतिरिक्त संतोष को कहते हैं।
MU=TUn−TUn−1
जहाँ:
समोसे की संख्या | कुल उपयोगिता (TU) | सीमांत उपयोगिता (MU) |
---|---|---|
1 | 10 | 10 |
2 | 18 | 8 |
3 | 24 | 6 |
4 | 28 | 4 |
5 | 30 | 2 |
6 | 30 | 0 |
7 | 28 | -2 |
1️⃣ शुरुआत में MU अधिक होती है।
2️⃣ हर अतिरिक्त इकाई के साथ MU कम होती जाती है।
3️⃣ जब MU = 0 हो जाती है, तो उपभोक्ता संतृप्त (satisfied) हो जाता है।
4️⃣ अगर उपभोक्ता जबरदस्ती अधिक उपभोग करे, तो MU नकारात्मक (-) हो जाती है।
✔ उदाहरण 1: भोजन (Food Consumption)
अगर कोई व्यक्ति बहुत भूखा है और रोटी खा रहा है, तो पहली रोटी सबसे ज्यादा संतोष देगी। दूसरी से संतोष कम होगा, और पाँचवी या छठी रोटी के बाद उसे खाने में कोई आनंद नहीं आएगा।
✔ उदाहरण 2: मोबाइल फोन (Mobile Phones)
पहला मोबाइल फोन खरीदने पर बहुत खुशी होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बार-बार नया मोबाइल खरीदता है, तो हर बार मिलने वाली खुशी घटती जाती है।
✔ उदाहरण 3: पानी पीना (Drinking Water)
गर्मी में जब प्यास बहुत लगी हो, तो पहला गिलास पानी सबसे ज्यादा संतोष देता है। लेकिन पाँचवें या छठे गिलास के बाद पानी पीने का आनंद लगभग समाप्त हो जाता है।
🔹 1. दुर्लभ वस्तुएँ (Rare Goods):
सोना, हीरे, ऐतिहासिक वस्तुएँ आदि की उपयोगिता बार-बार बढ़ती है, क्योंकि वे दुर्लभ और मूल्यवान होते हैं।
🔹 2. नशे की चीज़ें (Addictive Goods):
शराब, ड्रग्स, और अन्य नशे की चीजों में सीमांत उपयोगिता का नियम लागू नहीं होता, क्योंकि लोग बार-बार सेवन करने पर और अधिक चाहते हैं।
🔹 3. कलात्मक वस्तुएँ (Art & Antiques):
अगर किसी को कला या संग्रहणीय वस्तुओं का शौक है, तो उसके लिए हर नई वस्तु अधिक आनंद दे सकती है।
🔹 4. मानसिक संतोष (Mental Satisfaction):
अगर कोई व्यक्ति परोपकार या दान करता है, तो उसे हर बार अधिक खुशी मिल सकती है।
✅ 1. मूल्य निर्धारण में सहायक (Helps in Pricing):
यह नियम बताता है कि जैसे-जैसे उपभोग बढ़ता है, वस्तु की उपयोगिता घटती है, जिससे कीमतें तय करने में मदद मिलती है।
✅ 2. उपभोक्ता व्यवहार को समझना (Understanding Consumer Behavior):
यह नियम बताता है कि उपभोक्ता कब तक किसी वस्तु की मांग करेगा और कब उसे खरीदना बंद करेगा।
✅ 3. सरकारी नीतियाँ (Government Policies):
सरकार गरीबों को ज़रूरी वस्तुएँ सस्ते में देने के लिए इस सिद्धांत का उपयोग करती है।
✅ 4. टैक्स नीति (Taxation Policy):
ज्यादा कमाने वालों पर ज्यादा कर (Progressive Tax) लगाने के पीछे भी यही सिद्धांत काम करता है, क्योंकि अतिरिक्त धन से मिलने वाली खुशी कम होती जाती है।
✅ 5. विज्ञापन और मार्केटिंग (Marketing & Advertising):
कंपनियाँ उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए नए-नए ऑफ़र देती हैं, ताकि सीमांत उपयोगिता बनी रहे।
🔹 कम होती सीमांत उपयोगिता का नियम (Law of Diminishing Marginal Utility) बताता है कि किसी वस्तु की लगातार इकाइयों के उपभोग से मिलने वाली संतुष्टि घटती जाती है।
🔹 यह नियम उपभोक्ता व्यवहार, मांग, मूल्य निर्धारण, और सरकारी नीतियों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
🔹 हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में यह नियम लागू नहीं होता, फिर भी यह अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो उपभोक्ता के निर्णयों को प्रभावित करता है।
👉 इस नियम को समझकर उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं और कंपनियाँ अपनी मार्केटिंग रणनीतियाँ विकसित कर सकती हैं।