GDP और GNP क्या हैं? | परिभाषा, गणना, उदाहरण, अंतर और अर्थशास्त्र में महत्व
Last Updated - 2025-02-01
Table of Contents
- GDP क्या है? (What is GDP)
- GNP क्या है? (What is GNP)
- GDP और GNP में अंतर (Difference between GDP and GNP)
- अर्थशास्त्र में महत्व (Importance in Economics)
- निष्कर्ष:
GDP क्या है? (What is GDP)
GDP (Gross Domestic Product) का पूरा नाम सकल घरेलू उत्पाद है। किसी देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित समयावधि (आमतौर पर एक वर्ष) में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य GDP कहलाता है।
GDP की गणना का सूत्र:
GDP = उपभोग (Consumption) + निवेश (Investment) + सरकारी खर्च (Government Spending) + (निर्यात - आयात)
उदाहरण:
अगर भारत में एक साल के भीतर कुल ₹300 लाख करोड़ की वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित हुईं, तो वही भारत का GDP होगा।
GNP क्या है? (What is GNP)
GNP (Gross National Product) को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। यह देश के नागरिकों द्वारा एक साल में देश के अंदर और बाहर कमाई गई कुल आय का मौद्रिक मूल्य है।
GNP की गणना का सूत्र:
GNP = GDP + विदेश से प्राप्त शुद्ध आय (Net Income from Abroad)
उदाहरण:
अगर भारत का GDP ₹300 लाख करोड़ है और विदेशों से ₹20 लाख करोड़ की शुद्ध आय प्राप्त होती है, तो भारत का GNP ₹320 लाख करोड़ होगा।
GDP और GNP में अंतर (Difference between GDP and GNP)
आधार | GDP | GNP |
---|---|---|
क्षेत्र | देश की सीमाओं के भीतर | नागरिकों की कुल आय |
विदेश आय | शामिल नहीं होती | शामिल होती है |
मापदंड | घरेलू उत्पादन | राष्ट्रीय उत्पादन |
ध्यान | क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था | नागरिकों की आर्थिक स्थिति |
महत्व | आर्थिक गतिविधियों का स्तर | नागरिकों की कुल संपत्ति |
अर्थशास्त्र में महत्व (Importance in Economics)
GDP का महत्व:
- अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का मूल्यांकन।
- निवेशकों को आकर्षित करने में सहायक।
- सरकारी नीति निर्धारण में सहायक।
GNP का महत्व:
- नागरिकों की आर्थिक स्थिति का पता चलता है।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेशी निवेश की स्थिति का मूल्यांकन।
- देश की संपत्ति और आय के स्रोतों की जानकारी।
निष्कर्ष:
GDP और GNP दोनों ही किसी देश की आर्थिक स्थिति को समझने के लिए बेहद जरूरी संकेतक हैं। GDP से हमें देश की आंतरिक आर्थिक गतिविधियों की जानकारी मिलती है, जबकि GNP से नागरिकों की कुल आय और संपत्ति का आकलन होता है। किसी भी देश की आर्थिक नीति और विकास के लिए इन दोनों का संतुलन समझना आवश्यक है।
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