बिहार भारत का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। इसके जिलों का निर्माण विभिन्न ऐतिहासिक, प्रशासनिक और भौगोलिक कारणों से हुआ है। इस लेख में हम बिहार के जिलों से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर चर्चा करेंगे, जैसे कि सबसे पुराना जिला, सबसे नया जिला, सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला। इसके अलावा, हम यह भी जानेंगे कि बिहार में पहले कितने जिले थे और समय के साथ कितने नए जिले बनाए गए।
बिहार का सबसे पुराना जिला पूर्णिया है। इसे 10 फरवरी 1770 को ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित किया गया था। पूर्णिया जिला ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है और इसे "मिनी दार्जिलिंग" के नाम से भी जाना जाता है। इस जिले का मौसम और प्राकृतिक सुंदरता इसे अन्य जिलों से अलग बनाती है।
पूर्णिया जिला का निर्माण अंग्रेजों द्वारा प्रशासनिक नियंत्रण को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया था। यह जिला पहले बंगाल प्रांत का हिस्सा था, लेकिन 1912 में बिहार के गठन के बाद इसे बिहार का हिस्सा बना दिया गया। आज पूर्णिया जिले की गिनती बिहार के प्रमुख जिलों में होती है।
बिहार का सबसे नया जिला अरवल है, जिसे 20 अगस्त 2001 को स्थापित किया गया था। अरवल जिले को पहले जहानाबाद जिले का हिस्सा माना जाता था, लेकिन बेहतर प्रशासनिक सुविधा और क्षेत्रीय विकास के लिए इसे एक अलग जिला बना दिया गया।
अरवल जिला का गठन बिहार सरकार द्वारा राज्य के छोटे क्षेत्रों को बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण में लाने के लिए किया गया था। हालांकि यह क्षेत्रफल में छोटा है, लेकिन इसका ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व काफी अधिक है।
बिहार का सबसे बड़ा जिला पश्चिम चंपारण है। यह जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा है और इसका कुल क्षेत्रफल 5,228 वर्ग किलोमीटर है। पश्चिम चंपारण बिहार के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है और नेपाल की सीमा से सटा हुआ है।
यह जिला अपनी जैव विविधता, वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान और गंडक नदी के कारण प्रसिद्ध है। पश्चिम चंपारण कृषि और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, यह जिला ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह आंदोलन का केंद्र था।
बिहार का सबसे छोटा जिला शिवहर है। इसका कुल क्षेत्रफल 443 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे राज्य का सबसे छोटा जिला बनाता है।
शिवहर जिला 1994 में सीतामढ़ी जिले से अलग होकर बनाया गया था। हालांकि यह आकार में छोटा है, लेकिन कृषि और ऐतिहासिक दृष्टि से इसका महत्व काफी अधिक है। यह क्षेत्र अपनी उर्वर भूमि और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
बिहार का सबसे गर्म जिला गया है। गर्मियों में यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
गया जिला न केवल अपनी गर्मी के लिए बल्कि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। यह हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। बोधगया, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, गया जिले का ही हिस्सा है।
जब बिहार 1912 में बंगाल से अलग होकर एक स्वतंत्र प्रांत बना, तब इसमें केवल 18 जिले थे। समय के साथ प्रशासनिक सुविधा और जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नए जिले बनाए गए।
वर्तमान में, बिहार में 38 जिले हैं। ये जिले प्रशासनिक सुविधा को बेहतर बनाने और राज्य के विकास को सुचारू रूप से चलाने के लिए बनाए गए हैं।
बिहार के पूर्व में पश्चिम बंगाल राज्य स्थित है। बिहार की सीमा पश्चिम बंगाल के साथ मिलती है, जिससे दोनों राज्यों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान काफी प्रचलित है।
भारत का सबसे पुराना जिला भी पूर्णिया (बिहार) है, जिसे 1770 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बनाया था।
भारत में प्रशासनिक जिलों की औपचारिक रूप से स्थापना अंग्रेजों के शासन के दौरान हुई थी, और इस प्रक्रिया में पूर्णिया जिला सबसे पहले बना था। इसलिए, भारत का पहला जिला भी पूर्णिया ही माना जाता है।
भारत का सबसे पुराना राज्य बिहार है, जिसे 1912 में बंगाल प्रांत से अलग कर बनाया गया था। 1936 में उड़ीसा (ओडिशा) को बिहार से अलग किया गया और एक नया राज्य बनाया गया।
बिहार एक ऐतिहासिक रूप से समृद्ध राज्य है, जहां कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव हुए हैं। इसका सबसे पुराना जिला पूर्णिया है, जबकि सबसे नया जिला अरवल है। पश्चिम चंपारण सबसे बड़ा जिला है, और शिवहर सबसे छोटा जिला है। गर्मियों में सबसे गर्म जिला गया होता है। बिहार के जिलों का विकास समय-समय पर प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार किया गया, जिससे अब यहां कुल 38 जिले हैं।
बिहार न केवल भारत का सबसे पुराना राज्य है, बल्कि इसका पहला जिला भी पूर्णिया ही था। यह राज्य अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व के कारण हमेशा चर्चा में रहता है।